नर्मदेश्वर शिवलिंग की पौराणिक कथा
4 धाम
12 ज्योतिर्लिंग
12 ज्योतिर्लिंग शिव, महादेव दुष्टों का नाश करने वाले, इन्हें अलग-अलग नामों से पुकारा जाता है लेकिन अंततः सर्वोच्च। शिव का ज्योतिर्लिंग सनातनियों में अत्यधिक पूजनीय है। ज्योतिर्लिंग एक ऐसा मंदिर है जहाँ ज्योतिर्लिंग के रूप में भगवान शिव की पूजा की जाती है। ज्योतिर्लिंग, सर्वशक्तिमान का दीप्तिमान चिन्ह ( प्रतीक) है। ‘ज्योति’ शब्द का […]
Continue reading52 शक्ति पीठ
52 शक्ति पीठ देवी भागवत पुराण में 108, कालिकापुराण में 26, शिवचरित्र में 51, दुर्गा सप्तशती और तंत्रचूड़ामणि में शक्ति पीठों की संख्या 52 बताई गई है। 1) -हिंगलाज:- माता का हिंगलाज शक्ति पीठ करांची से 125 किमी उत्तर पूर्व में स्थित है| मान्यता है यहाँ माता सती का सिर गिरा था| ब्रह्मरन्ध्र गिरा था|इसकी शक्ति भैरवी […]
Continue reading108 शक्ति पीठ
108 सिद्ध पीठ महर्षि वेदव्यास जी ने शक्तिपीठों से संबंधित जनमेजय के एक प्रश्न के उत्तर में जिन शक्तिपीठ स्थानों और उनके नामों को उल्लेखित किया है, वे कौन-कौन से हैं – स्थान – शक्तिपीठों के नाम वाराणसी – विशालाक्षी नैमिषारण्य – लिङ्गधारिणी प्रयाग – ललिता गन्धमादन – कामुकी दक्षिणमानस – कुमुदा उत्तरमानस – विश्वकामा […]
Continue reading7 मोक्ष पुरी
7 मोक्ष पुरी (7 Moksha Puri ) पुराणों तथा ग्रंथो के मान्यतानुसार भारत में सात ऐसे स्थान हैं, जिन्हें मोक्षदायिनी सप्त पुरियां कहा जाता है। जिसे एक श्लोक द्वारा समझा जा सकता है :अयोध्या-मथुरामायाकाशीकांचीत्वन्तिका, पुरी द्वारावतीचैव सप्तैते मोक्षदायिकाः। 1. अयोध्या – उत्तर प्रदेश भगवान विष्णु के सातवें अवतार श्रीराम का जन्म अयोध्या की पवित्र भूमि […]
Continue readingपरिवर्तिनी एकादशी व्रत कथा
परिवर्तिनी एकादशी व्रत कथा (भाद्रपद, शुक्ल पक्ष) अर्जुन ने कहा – “हे प्रभु! भादों की शुक्ल पक्ष की एकादशी का क्या नाम है तथा उसके वत का क्या विधान है? उस एकादशी के उपवास को करने से किस फल की प्राप्ति होती है। हे कृष्ण! कृपा कर यह सब समझाकर कहिए।’ श्रीकृष्ण ने कहा – […]
Continue readingउत्पन्ना एकादशी व्रत कथा (मार्गशीर्ष- कृष्ण पक्ष)
उत्पन्ना / उत्पत्ति एकादशी व्रत कथा (मार्गशीर्ष- कृष्ण पक्ष) श्री सूतजी बाले- “हे विप्रो! भगवान श्रीकृष्ण ने विधि सहित इस एकादशी माहात्म्य को अर्जुन से कहा था। प्रभु में जिनकी श्रद्धा है वे ही इस व्रत को प्रेमपूर्वक सुनते है और इस लोक में अनेक सुखों को भोगकर अन्त में वैकुण्ठ को प्राप्त करते हैं। […]
Continue readingमोक्षदा एकादशी व्रत कथा (मार्गशीर्ष- शुक्ल पक्ष)
मोक्षदा एकादशी व्रत कथा (मार्गशीर्ष- शुक्ल पक्ष) अर्जुन ने उत्पन्ना एकादशी की उत्पत्ति, महिमा, माहात्म्य आदि सुनकर श्रीकृष्ण से कहा- “हे परम पूजनीय भगवान श्रीकृष्ण! हे त्रिलोकीनाथ! आप सभी को सुख व मोक्ष देने वाले हैं, मैं आपको प्रणाम करता हूँ। हे प्रभु! आप कृपा करने वाले हैं। मेरी एक जिज्ञासा को शांत कीजिए।” भगवान […]
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