Rishi

महर्षि दधीचि के द्वारा दिया गया महादान

महर्षि दधीचि के द्वारा दिया गया महादान : एक बार की बात है देवताओं के अस्थायी गुरु विश्वरूप हुआ करते थे ।  वह देवताओं के लिए कई यज्ञ किया करते थे और उस यज्ञ में दैत्यों को भी भाग देते थे ।  इस बात का पता जब देवराज को चला तब उन्होंने विश्वरूप गुरु की […]

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Ram Seeta Lakshman Bharat Shatrudhan and Hanuman Ji

भगवान श्रीराम को 14 वर्ष का वनवास क्यों हुआ था? न 14 वर्ष  से कम न ज्यादा

भगवान श्रीराम को 14 वर्ष का वनवास क्यों हुआ था? न 14 वर्ष  से कम न ज्यादा राजकीय नियम रामायण की कहानी त्रेतायुग के समय की है। उस समय यह नियम था कि अगर कोई राजा 14 वर्ष के लिए अपना सिंहासन छोड़ देता है तो वह राजा बनने के अधिकार से वंचित हो जाता […]

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5 pandvas with Krishna

“कलयुग की भगवान श्रीकृष्ण द्वारा पांडवों को बताई गयी पांच बातें “

“कलयुग की भगवान श्रीकृष्ण द्वारा पांडवों को बताई गयी पांच बातें “ महाभारत के समय की बात है पांचों पांडवों ने भगवान श्रीकृष्ण से कलियुग कैसा होगा इस पर बात की और कलियुग के बारे में विस्तार से पूछा और जानने की इच्छा व्यक्त कि कलियुग में मनुष्य कैसा होगा, उसके व्यवहार कैसे होंगे और […]

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Ghushmehvar Jyotirlinga

  चतुर्थ ज्योतिर्लिंग घुश्मेश्वर की स्थापना कैसे हुई आइए जानते हैं

चतुर्थ  ज्योतिर्लिंग घुश्मेश्वर की स्थापना कैसे हुई आइए जानते हैं घुश्मेश्वर ज्योतिर्लिंग महाराष्ट्र के दौलताबाद से लगभग 18 किलोमीटर की दूरी पर बेरूलठ गांव के पास स्थित है |चिरकाल में वहां पर एक शिव भक्त अपने पति तथा पुत्र के साथ रहा करती थी जिसका नाम घुश्मा था |जो प्रतिदिन एक पार्थिव शिवलिंग बनाकर उसकी पूजा […]

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Mahakal Jyotirlinga

महाकाल तृतीय ज्योतिर्लिंग की स्थापना कैसे हुई ?

महाकाल तृतीय ज्योतिर्लिंग की स्थापना कैसे हुई ? उज्जैन में चिरकाल में वेदपति नाम का एक शिव भक्त शिवलिंग की आराधना सहस्र वर्षो से करता आ रहा था |वह भक्त महादेव को अत्यंत प्रिय भी था | जब दैत्य माता ने सृष्टि में नकारात्मकता फैलाने के लिए दूषण नामक एक दैत्य को भेजा तो उसने उज्जैन […]

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Somnath Jyotirlinga

सोमनाथ ज्योतिर्लिंग की स्थापना कैसे हुई ?

सोमनाथ प्रथम ज्योतिर्लिंग की स्थापना कैसे हुई? इसी स्थान पर महादेव चन्द्र को धारण कर’ चन्द्रशेखर  बने थे | जब  प्रजापति दक्ष ने चंद्रदेव को श्रापित किया था | जिसके कारण चंद्रदेव का क्षय होने लगा था | तब चंद्रदेव भोलेनाथ की तपस्या करने लग जाते हैं | तब माता सती अपनी बहनों को वैधव्य […]

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