|| श्री वैष्णो आरती ||
जय वैष्णवी माता, मैया जय वैष्णवी माता ।
हाथ जोड़ तेरे आगे, आरती मैं गाता ॥॥ जय वैष्णवी माता..॥
शीश पे छत्र विराजे, मूरतिया प्यारी ।
गंगा बहती चरनन, ज्योति जगे न्यारी ॥ ॥ जय वैष्णवी माता..॥
ब्रह्मा वेद पढ़े नित द्वारे, शंकर ध्यान धरे ।
सेवक चंवर डुलावत, नारद नृत्य करे ॥ ॥ जय वैष्णवी माता..॥
सुन्दर गुफा तुम्हारी, मन को अति भावे ।
बार-बार देखन को, ऐ माँ मन चावे ॥ ॥ जय वैष्णवी माता..॥
भवन पे झण्डे झूलें, घंटा ध्वनि बाजे ।
ऊँचा पर्वत तेरा, माता प्रिय लागे ॥ ॥ जय वैष्णवी माता..॥
पान सुपारी ध्वजा नारियल, भेंट पुष्प मेवा ।
दास खड़े चरणों में, दर्शन दो देवा ॥ ॥ जय वैष्णवी माता..॥
जो जन निश्चय करके, द्वार तेरे आवे ।
उसकी इच्छा पूरण, माता हो जावे ॥ ॥ जय वैष्णवी माता..॥
इतनी स्तुति निश-दिन, जो नर भी गावे ।
कहते सेवक ध्यानू, सुख सम्पत्ति पावे ॥
जय वैष्णवी माता, मैया जय वैष्णवी माता ।
हाथ जोड़ तेरे आगे, आरती मैं गाता ॥
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