देव दीपावली क्यों और कब मनाई जाती है ?

देव दीपावली क्यों और कब मनाई जाती है ?

देव दीपावली क्यों मनाई जाती है ?

भगवान शिव ने कार्तिक पूर्णिमा के दिन ही त्रिपुरासुर राक्षस का वध किया था| त्रिपुरासुर के अंत के बाद उसके आंतक से मुक्ति मिलने पर सभी देवतागण प्रसन्न हुए और उन्होंने स्वर्ग में दीप जलाएं | इसके बाद सभी भोलेनाथ की नगरी काशी में पधारे और काशी में भी दीप प्रज्जवलित कर देवताओं ने खुशी मनाई | यही कारण है कि हर साल कार्तिक मास की पूर्णिमा पर आज भी काशी में दिवाली मनाई जाती है| चूंकि ये दीपावली देवों ने मनाई थी, इसीलिए इसे देव दीपावली कहा जाता है | त्रिपुरासुर का विनाश करने से भगवान शिव ने त्रिपुरांतक (त्रिपुरान्तक) की उपाधि प्राप्त की।

कार्तिक पूर्णिमा तिथि कब से कब तक-
पूर्णिमा तिथि 07 नवंबर को शाम 04 बजकर 15 मिनट से शुरू और 8 नवंबर को शाम 04 बजकर 31 मिनट पर समाप्त होगी। देव दीपावली पर पूजन का शुभ मुहूर्त शाम 05 बजकर 14 मिनट से शाम 07 बजकर 49 मिनट तक है। पूजन की कुल अवधि 2 घंटे 32 मिनट की है।

देव दीपावली 2022 शुभ संयोग-
इस साल देव दीपावली पर कई शुभ संयोग बन रहे हैं। इस दिन अभिजीत मुहूर्त व रवि योग समेत कई शुभ मुहूर्त बन रहे हैं।

ब्रह्म मुहूर्त- 04:53 ए एम से 05:45 ए एम
अभिजित मुहूर्त- 11:43 ए एम से 12:26 पी एम
विजय मुहूर्त- 01:54 पी एम से 02:37 पी एम
गोधूलि मुहूर्त- 05:32 पी एम से 05:58 पी एम
अमृत काल- 05:15 पी एम से 06:54 पी एम
रवि योग- 06:37 ए एम से 12:37 ए एम, नवम्बर 08

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