वृश्चिक संक्रांति

वृश्चिक संक्रांति

वृश्चिक संक्रांति: बुधवार, 16 नवंबर 2022

हिंदू पंचांग के अनुसार, संक्रांति (Sankranti) का अर्थ है सूर्य का एक राशि से दूसरी राशि में जाना। भारत के कुछ हिस्सों में, प्रत्येक संक्रांति को एक महीने की शुरुआत के रूप में चिह्नित किया जाता है। दूसरी ओर, कुछ अन्य हिस्सों में, एक संक्रांति को प्रत्येक महीने के अंत के रूप में और अगले दिन को एक नए महीने की शुरुआत के रूप में चिह्नित किया जाता है।

इस दिन सूर्यदेव की पूजा की जाती है | दान-दक्षिणा, गंगा स्नान, पवित्र नदियों मे स्नान किया जाता है तथा कई जगहों पर मेले का भी आयोजन किया जाता है | इस दिन शुभ कार्यों से बचा जाता है।

Surya Dev travelling on 7 horses chariot
Surya Dev travelling on 7 horses chariot

कारण सूर्य का एक राशि से दूसरी राशि की ओर स्थानांतरित होना।

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