जया एकादशी व्रत कथा (माघ-शुक्ल पक्ष) माघ महीने की शुक्ल पक्ष की एकादशी को जया एकादशी व्रत रखा जाता है इस दिन भगवान विष्णु की पूजा करते हैं और जया एकादशी व्रत कथा को सुनते हैं | इस व्रत कथा के सुनने से व्रत का पूर्ण फल प्राप्त होता है, इस व्रत के महत्व का […]
Continue readingषटतिला एकादशी व्रत कथा (माघ- कृष्ण पक्ष)
षटतिला एकादशी व्रत कथा (माघ- कृष्ण पक्ष) माघ माह के कृष्ण पक्ष मे आने वाली इस एकादशी को षटतिला एकादशी कहा जाता है। षटतिला एकादशी का महत्त्व: एक समय दालभ्य ऋषि ने पुलस्त्य ऋषि से पूछा कि हे महाराज, पृथ्वी लोक में मनुष्य ब्रह्महत्यादि महान पाप करते हैं, पराए धन की चोरी तथा दूसरे की […]
Continue readingपुत्रदा एकादशी व्रत कथा (पौष – शुक्ल पक्ष)
पुत्रदा एकादशी व्रत कथा (पौष – शुक्ल पक्ष) भगवान श्रीकृष्ण धर्मराज युधिष्ठिर को पौष पुत्रदा एकादशी की कथा सुनाते हैं : पौष माह के शुक्ल पक्ष मे आने वाली इस एकादशी को पौष पुत्रदा एकादशी कहा जाता है। इसमें भगवान श्रीनारायण की पूजा की जाती है। विधिपूर्वक इस व्रत को करना चाहिए। इस चर और […]
Continue readingपौष पुत्रदा एकादशी सोमवार, 2 जनवरी 2023
महर्षि दधीचि के द्वारा दिया गया महादान
महर्षि दधीचि के द्वारा दिया गया महादान : एक बार की बात है देवताओं के अस्थायी गुरु विश्वरूप हुआ करते थे । वह देवताओं के लिए कई यज्ञ किया करते थे और उस यज्ञ में दैत्यों को भी भाग देते थे । इस बात का पता जब देवराज को चला तब उन्होंने विश्वरूप गुरु की […]
Continue readingभगवान श्रीराम को 14 वर्ष का वनवास क्यों हुआ था? न 14 वर्ष से कम न ज्यादा
भगवान श्रीराम को 14 वर्ष का वनवास क्यों हुआ था? न 14 वर्ष से कम न ज्यादा राजकीय नियम रामायण की कहानी त्रेतायुग के समय की है। उस समय यह नियम था कि अगर कोई राजा 14 वर्ष के लिए अपना सिंहासन छोड़ देता है तो वह राजा बनने के अधिकार से वंचित हो जाता […]
Continue reading“कलयुग की भगवान श्रीकृष्ण द्वारा पांडवों को बताई गयी पांच बातें “
“कलयुग की भगवान श्रीकृष्ण द्वारा पांडवों को बताई गयी पांच बातें “ महाभारत के समय की बात है पांचों पांडवों ने भगवान श्रीकृष्ण से कलियुग कैसा होगा इस पर बात की और कलियुग के बारे में विस्तार से पूछा और जानने की इच्छा व्यक्त कि कलियुग में मनुष्य कैसा होगा, उसके व्यवहार कैसे होंगे और […]
Continue readingचतुर्थ ज्योतिर्लिंग घुश्मेश्वर की स्थापना कैसे हुई आइए जानते हैं
चतुर्थ ज्योतिर्लिंग घुश्मेश्वर की स्थापना कैसे हुई आइए जानते हैं घुश्मेश्वर ज्योतिर्लिंग महाराष्ट्र के दौलताबाद से लगभग 18 किलोमीटर की दूरी पर बेरूलठ गांव के पास स्थित है |चिरकाल में वहां पर एक शिव भक्त अपने पति तथा पुत्र के साथ रहा करती थी जिसका नाम घुश्मा था |जो प्रतिदिन एक पार्थिव शिवलिंग बनाकर उसकी पूजा […]
Continue readingमहाकाल तृतीय ज्योतिर्लिंग की स्थापना कैसे हुई ?
महाकाल तृतीय ज्योतिर्लिंग की स्थापना कैसे हुई ? उज्जैन में चिरकाल में वेदपति नाम का एक शिव भक्त शिवलिंग की आराधना सहस्र वर्षो से करता आ रहा था |वह भक्त महादेव को अत्यंत प्रिय भी था | जब दैत्य माता ने सृष्टि में नकारात्मकता फैलाने के लिए दूषण नामक एक दैत्य को भेजा तो उसने उज्जैन […]
Continue readingसोमनाथ ज्योतिर्लिंग की स्थापना कैसे हुई ?
सोमनाथ प्रथम ज्योतिर्लिंग की स्थापना कैसे हुई? इसी स्थान पर महादेव चन्द्र को धारण कर’ चन्द्रशेखर बने थे | जब प्रजापति दक्ष ने चंद्रदेव को श्रापित किया था | जिसके कारण चंद्रदेव का क्षय होने लगा था | तब चंद्रदेव भोलेनाथ की तपस्या करने लग जाते हैं | तब माता सती अपनी बहनों को वैधव्य […]
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