सोमवती अमावस्या व्रत कथा

सोमवती अमावस्या व्रत कथा सोमवती अमावस्या व्रत कथा के अनुसार, एक गरीब ब्राह्मण परिवार था, उस परिवार में पति-पत्नी एवं उसकी एक पुत्री भी थी। उनकी पुत्री समय के गुजरने के साथ-साथ धीरे-धीरे बड़ी होने लगी। उस पुत्री में बढ़ती उम्र के साथ सभी स्त्रियोचित सगुणों का विकास हो रहा था। वह कन्या सुंदर, संस्कारवान […]

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सावन सोमवार व्रत कथा

सावन सोमवार व्रत कथा एक बार मृत्युलोक में महादेव जी पार्वती के साथ अमरावती नगरी में आए। राजा ने वहां एक भव्य और मनोरम शिव मंदिर बनाया, जो मन को शांत करता था। यात्रा के दौरान शिव-पार्वती भी वहीं ठहर गए। पार्वती जी ने शिव जी से कहा, हे नाथ! आओ, आज इसी स्थान पर […]

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करवा चौथ व्रत कथा

करवा चौथ व्रत कथा

करवा चौथ व्रत कथा बहुत समय पहले इन्द्रप्रस्थपुर के एक शहर में वेदशर्मा नाम का एक ब्राह्मण रहता था। वेदशर्मा का विवाह लीलावती से हुआ था जिससे उसके सात महान पुत्र और वीरावती नाम की एक गुणवान पुत्री थी। क्योंकि सात भाईयों की वह केवल एक अकेली बहन थी जिसके कारण वह अपने माता-पिता के […]

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हरतालिका तीज व्रत कथा

हरतालिका तीज व्रत कथा एक बार भगवान शिव ने पार्वतीजी को उनके पूर्व जन्म का स्मरण कराने के उद्देश्य से इस व्रत के माहात्म्य की कथा कही थी। श्री भोलेशंकर बोले- हे गौरी! पर्वतराज हिमालय पर स्थित गंगा के तट पर तुमने अपनी बाल्यावस्था में बारह वर्षों तक अधोमुखी होकर घोर तप किया था। इतनी […]

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पापी मनुष्य सुखी क्यों रहते हैं? व्यास मुनि और कीड़े का संवाद (ऋषि मैत्रेय की कथा)

पापी मनुष्य सुखी क्यों रहते हैं? व्यास मुनि और कीड़े का संवाद (ऋषि मैत्रेय की कथा)

पापी मनुष्य सुखी क्यों रहते हैं? व्यास मुनि और कीड़े का संवाद (ऋषि मैत्रेय की कथा) ऋषि मैत्रेय महाभारत कालीन एक महान ऋषि थे। ये महर्षि पराशर के प्रिय शिष्य और उनके पुत्र वेदव्यास के कृपा पात्र थे। इन्होंने ही दुर्योधन को श्राप दिया था, जिससे उसकी मृत्यु भीमसेन के हाथों हुई। इनका नाम इनकी माता […]

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शिव पुराण का पाठ करने से मनुष्य को क्या क्या प्राप्त हो सकता है ?

शिव पुराण का पाठ करने से मनुष्य को क्या क्या प्राप्त हो सकता है ?

शिव पुराण का पाठ करने से मनुष्य को क्या-क्या प्राप्त हो सकता है ? श्री व्यासजी ने बताया शिव पुराण को आदरपूर्वक पढ़ने अथवा सुनने से सभी पाप नष्ट हो जाते हैं। इसे पहली बार पढ़ने या सुनने से सारे पाप भस्म हो जाते हैं। दूसरी बार सुनने या पढ़ने से भक्तिहीन को भक्ति व […]

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सनातन नव वर्ष (विक्रम संवत 2080)

सनातन नव वर्ष (विक्रम संवत 2080)( शक संवत 1945) सनातन नव वर्ष, जिसे भारतीय सनातन धर्म में नव वर्ष के रूप में मनाया जाता है। यह नववर्ष पंचांग के अनुसार चैत्र मास के शुक्ल पक्ष के प्रतिपदा को मनाया जाता है | इसे नव संवत्सर भी कहा जाता है. चैत्र ही एक ऐसा माह है, [...] Continue reading
Maha Shiv Ratri Katha

‘महाशिवरात्रि’ कथा

‘महाशिवरात्रि’ कथा प्राचीन काल में, किसी जंगल में एक गुरुद्रुह नाम का एक शिकारी रहता था जो जंगली जानवरों का शिकार करता तथा अपने परिवार का भरण-पोषण किया करता था |एक बार शिव-रात्रि के दिन जब वह शिकार के लिए निकला , पर संयोगवश पूरे दिन खोजने के बाद भी उसे कोई शिकार न मिला, [...] Continue reading
Shivlinga(Bhagvan Shiv Urja Swarup)

नर्मदेश्वर शिवलिंग की पौराणिक कथा

भगवान शिव की पूजा के लिए शिवलिंग की पूजा करने का प्रावधान है, शिवलिंग के भी विभिन्न प्रकार होते हैं जैसे - स्वयंभू शिवलिंग, नर्मदेश्वर शिवलिंग, जनेउधारी शिवलिंग, पारद शिवलिंग, सोने एवं चांदी के शिवलिंग। इनमें से नर्मदेश्वर शिवलिंग की पूजा को सर्वश्रेष्ठ माना गया है। एक बार नर्मदा जी ने अत्यधिक कठोर तपस्या करके [...] Continue reading
Badrinath

4 धाम

भारत के 4 धाम जिन स्थानों को सबसे ज्यादा पवित्र माना जाता है उनमें से 4 जगहों को 4 की उपाधि दी गयी है | इनका सीधा सम्बन्ध ईश्वर से हैं | या तो यहाँ स्वयं ईश्वर ने दर्शन दिया है या तो या पर ईश्वर स्वयं विराजमान थे | 8वीं-9वीं सदी में आदिगुरु शंकराचार्य [...] Continue reading
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