Bholenath

भगवान भोलेनाथ के त्रिशूल का महत्व

भगवान भोलेनाथ के त्रिशूल का महत्व भगवान भोलेनाथ का त्रिशूल बहुत ही महत्वपूर्ण होने के साथ-साथ पवित्रता तथा शुभ कर्म का प्रतीक है शिव का अर्थ है कल्याण स्वरूप  शांत रहने वाले भगवान भोलेनाथ के हाथ में त्रिशूल कोई संहार करने वाला शस्त्र नहीं बल्कि आध्यात्मिक जीवन के तीन आयामों इडा पिंगला तथा सुषुम्ना नाड़ी […]

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Mata Lakshmi seating on Lotus

वैभवलक्ष्मी व्रत कथा

|| वैभवलक्ष्मी व्रत कथा || एक बड़ा शहर था। इस शहर में लाखों लोग रहते थे। पहले के जमाने के लोग साथ-साथ रहते थे और एक दूसरे के काम आते थे। पर नये जमाने के लोगों का स्वरूप ही अलग सा है। सब अपने अपने काम में मग्न रहते हैं। किसी को किसी की परवाह […]

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Ganesh Bhrata Shree

बुधवार व्रत कथा

बुधवार व्रत कथा  एक समय की बात है एक व्यक्ति का विवाह हुए कई वर्ष बीत गए। विवाह के बाद उसकी पत्नी एक बार अपने मायके गई हुई थी। पत्नी के मायके में रहने के कई दिनों बाद उसका पति अपनी पत्नी को विदा करवाने के लिए ससुराल पहुंचा। ससुराल में कुछ दिन तक रहने […]

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Prabhu Hanuman

मंगलवार व्रत कथा

मंगलवार व्रत कथा एक समय की बात है एक ब्राह्मण दंपत्ति की कोई संतान नहीं थी, जिस कारण वह बेहद दुःखी थे। एक बार ब्राह्मण वन में हनुमान जी की पूजा के लिए गया। वहाँ उसने पूजा के साथ महावीर जी से एक पुत्र की कामना की | घर पर उसकी स्त्री भी पुत्र की प्राप्ति के लिए मंगलवार […]

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सोमवार व्रत कथा

सोमवार व्रत कथा किसी नगर में एक धनी व्यापारी रहता था। दूर-दूर तक उसका व्यापार फैला हुआ था। नगर के सभी लोग उस व्यापारी का सम्मान करते थे। इतना सब कुछ संपन्न होने के बाद भी वह व्यापारी बहुत दुःखी था, क्योंकि उसका कोई पुत्र नहीं था। जिस कारण अपने मृत्यु के पश्चात् व्यापार के […]

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श्री सत्यनारायण कथा

श्री सत्यनारायण कथा 1. एक समय की बात है नैषिरण्य तीर्थ में शौनिकादि, अठ्ठासी हजार ऋषियों ने श्री सूतजी से पूछा हे प्रभु! इस कलियुग में वेद विद्या रहित मनुष्यों को प्रभु भक्ति किस प्रकार मिल सकती है? तथा उनका उद्धार कैसे होगा? हे मुनि श्रेष्ठ ! कोई ऎसा तप बताइए जिससे थोड़े समय में […]

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देव दीपावली क्यों और कब मनाई जाती है ?

देव दीपावली क्यों और कब मनाई जाती है ?

देव दीपावली क्यों मनाई जाती है ? भगवान शिव ने कार्तिक पूर्णिमा के दिन ही त्रिपुरासुर राक्षस का वध किया था| त्रिपुरासुर के अंत के बाद उसके आंतक से मुक्ति मिलने पर सभी देवतागण प्रसन्न हुए और उन्होंने स्वर्ग में दीप जलाएं | इसके बाद सभी भोलेनाथ की नगरी काशी में पधारे और काशी में […]

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महा मुनि पिप्पलाद और शनिदेव की कथा

 पिप्पलाद ऋषि कौन थे ? पिप्पलाद ऋषि का शनिदेव से क्या संबंध है ? श्मशान में जब महर्षि दधीचि के मांसपिंड का दाह संस्कार हो रहा था तो उनकी पत्नी अपने पति का वियोग सहन नहीं कर पायीं और पास में ही स्थित विशाल पीपल वृक्ष के कोटर में बालक को रख स्वयम् चिता में […]

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