Bholenath

भगवान भोलेनाथ के त्रिशूल का महत्व

भगवान भोलेनाथ के त्रिशूल का महत्व भगवान भोलेनाथ का त्रिशूल बहुत ही महत्वपूर्ण होने के साथ-साथ पवित्रता तथा शुभ कर्म का प्रतीक है शिव का अर्थ है कल्याण स्वरूप  शांत रहने वाले भगवान भोलेनाथ के हाथ में त्रिशूल कोई संहार करने वाला शस्त्र नहीं बल्कि आध्यात्मिक जीवन के तीन आयामों इडा पिंगला तथा सुषुम्ना नाड़ी […]

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Bholenath

प्रदोष व्रत

प्रदोष व्रत मार्गशीर्ष कृष्ण सोम प्रदोष व्रत: सोमवार, 21 नवंबर 2022 महीने की त्रयोदशी तिथि का प्रदोष काल मे होना, प्रदोष व्रत होने का सही कारण है। प्रदोष काल सूर्यास्त से 45 मिनट पहिले प्रारम्भ होकर सूर्यास्त के बाद 45 मिनट होता है। प्रदोष का दिन जब साप्ताहिक दिन सोमवार को होता है उसे सोम [...] Continue reading
Shree Harinarayan

उत्पन्ना एकादशी

उत्पन्ना एकादशी: रविवार, 20 नवंबर 2022 हिंदू पंचांग के अंतर्गत प्रत्येक माह की 11वीं तीथि को एकादशी कहा जाता है। एकादशी को भगवान विष्णु को समर्पित तिथि माना जाता है। एक महीने में दो पक्ष होने के कारण दो एकादशी होती हैं, एक शुक्ल पक्ष मे तथा दूसरी कृष्ण पक्ष मे। इस प्रकार वर्ष मे […]

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Mata Lakshmi seating on Lotus

वैभवलक्ष्मी व्रत कथा

|| वैभवलक्ष्मी व्रत कथा || एक बड़ा शहर था। इस शहर में लाखों लोग रहते थे। पहले के जमाने के लोग साथ-साथ रहते थे और एक दूसरे के काम आते थे। पर नये जमाने के लोगों का स्वरूप ही अलग सा है। सब अपने अपने काम में मग्न रहते हैं। किसी को किसी की परवाह […]

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वृश्चिक संक्रांति

वृश्चिक संक्रांति वृश्चिक संक्रांति: बुधवार, 16 नवंबर 2022 हिंदू पंचांग के अनुसार, संक्रांति (Sankranti) का अर्थ है सूर्य का एक राशि से दूसरी राशि में जाना। भारत के कुछ हिस्सों में, प्रत्येक संक्रांति को एक महीने की शुरुआत के रूप में चिह्नित किया जाता है। दूसरी ओर, कुछ अन्य हिस्सों में, एक संक्रांति को प्रत्येक महीने के अंत के रूप […]

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Ganesh Bhrata Shree

बुधवार व्रत कथा

बुधवार व्रत कथा  एक समय की बात है एक व्यक्ति का विवाह हुए कई वर्ष बीत गए। विवाह के बाद उसकी पत्नी एक बार अपने मायके गई हुई थी। पत्नी के मायके में रहने के कई दिनों बाद उसका पति अपनी पत्नी को विदा करवाने के लिए ससुराल पहुंचा। ससुराल में कुछ दिन तक रहने […]

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Prabhu Hanuman

मंगलवार व्रत कथा

मंगलवार व्रत कथा एक समय की बात है एक ब्राह्मण दंपत्ति की कोई संतान नहीं थी, जिस कारण वह बेहद दुःखी थे। एक बार ब्राह्मण वन में हनुमान जी की पूजा के लिए गया। वहाँ उसने पूजा के साथ महावीर जी से एक पुत्र की कामना की | घर पर उसकी स्त्री भी पुत्र की प्राप्ति के लिए मंगलवार […]

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सोमवार व्रत कथा

सोमवार व्रत कथा किसी नगर में एक धनी व्यापारी रहता था। दूर-दूर तक उसका व्यापार फैला हुआ था। नगर के सभी लोग उस व्यापारी का सम्मान करते थे। इतना सब कुछ संपन्न होने के बाद भी वह व्यापारी बहुत दुःखी था, क्योंकि उसका कोई पुत्र नहीं था। जिस कारण अपने मृत्यु के पश्चात् व्यापार के […]

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श्री सत्यनारायण कथा

श्री सत्यनारायण कथा 1. एक समय की बात है नैषिरण्य तीर्थ में शौनिकादि, अठ्ठासी हजार ऋषियों ने श्री सूतजी से पूछा हे प्रभु! इस कलियुग में वेद विद्या रहित मनुष्यों को प्रभु भक्ति किस प्रकार मिल सकती है? तथा उनका उद्धार कैसे होगा? हे मुनि श्रेष्ठ ! कोई ऎसा तप बताइए जिससे थोड़े समय में […]

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गणेश संकष्टी

गणेश-संकष्टी गणेश-संकष्टी (गणेश चतुर्थी )व्रत भगवान गणेश को समर्पित है। इस दिन गणेश जी की विशेष पूजा की जाती है। पंचांग के अनुसार हर महीने दो चतुर्थी आती हैं। एक शुक्ल पक्ष में और एक कृष्ण पक्ष में। हर महीने पड़ने वाली कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को संकष्टी चतुर्थी कहा जाता है, जबकि शुक्ल पक्ष […]

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