Bholenath

प्रदोष व्रत

प्रदोष व्रत

मार्गशीर्ष कृष्ण सोम प्रदोष व्रत: सोमवार, 21 नवंबर 2022

Bholenath is sitting in front of Shivling and standing behind Nandi

महीने की त्रयोदशी तिथि का प्रदोष काल मे होना, प्रदोष व्रत होने का सही कारण है। प्रदोष काल सूर्यास्त से 45 मिनट पहिले प्रारम्भ होकर सूर्यास्त के बाद 45 मिनट होता है।
प्रदोष का दिन जब साप्ताहिक दिन सोमवार को होता है उसे सोम प्रदोष कहते हैं, मंगलवार को होने वाले प्रदोष को भौम प्रदोष तथा शनिवार के दिन प्रदोष को शनि प्रदोष कहते हैं।

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